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आपदुद्धारणो देवो भैरवः परिकीर्तितः ।



इत्थं देव्या वचः श्रुत्वा प्रहस्यातिशयं प्रभुः ।

आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः

साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त जीवन जीता है।

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बिल्वमूले पठेद्यस्तु पठनात्कवचस्य यत् । त्रिसंध्यं पठनाद् देवि भवेन्नित्यं महाकविः ।।

karmkandbyanandpathak नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है ।

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कालभैरव भगवान शिव के रौद्र अवतार हैं। आदि शंकराचार्य ने काल भैरव अष्टक में भगवान शिव के इस रूप का वर्णन किया है। कालभैरव ब्रह्म कवच कालभैरव का एक शक्तिशाली भजन है। ऐसा कहा जाता है कि इस ढाल का जाप करने से आप जादू-टोने और अन्य शत्रुओं के हमलों से बच जाते हैं।

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सद्योजातस्तु read more मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥

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